मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आज यहां उनके सरकारी आवास पर सिंगापुर के उच्चायुक्त साइमन वॉन्ग वी कुएन ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर सिंगापुर और भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मध्य सम्बन्धों को और प्रगाढ़ करने के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और सिंगापुर के सुदृढ़ सम्बन्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में व्यापार, उद्यम स्थापना और पूंजी निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं। यह देश का सबसे बड़ा बाजार है। यहां की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर में विकास के लिए अनुकूल वातावरण है। आलू, दूध, गन्ना, फल आदि के उत्पादन में राज्य का देश में प्रथम स्थान है। प्रदेश सरकार इनका मूल्य संवर्धन कर किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रयत्नशील है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है और यहां पर कई ऐतिहासिक धरोहरें है। धार्मिक और ईको-टूरिज्म के क्षेत्र में राज्य में भरपूर अवसर मौजूद हैं। प्रदेश की आबादी का 56 प्रतिशत वर्ग कामकाजी है। इस वर्ग का कौशल विकास कर देश-विदेश में इनके लिए रोजगार के बेहतर अवसर सृजित किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर तथा वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर उत्तर प्रदेश से गुजरते हैं। राज्य में दादरी तथा बोराकी में मल्टीमोडल लॉजिस्टिक/ट्रांसपोर्ट हब की स्थापना की जा रही है। यहां पर डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं। जेवर में नोएडा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट एवं अयोध्या में बनने वाले मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 05 हो जाएगी। इन सब के दृष्टिगत सिंगापुर और उत्तर प्रदेश परस्पर कई क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं। प्रदेश में पूंजी निवेश, वाणिज्य और व्यापार हेतु सिंगापुर के लिए कई सम्भावनाएं हैं।