गांव-गांव बुखार ग्रसित मरीजों की निगरानी, डेंगू वार्ड बना
जिला अस्पताल में दस बेड का डेंगू वार्ड स्थापित किया गया
बुखार के मरीज मिलने पर गांवों में एंटी लार्वा का छिड़काव
प्रदेश के कई जिलों में फैले डेंगू बुखार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। जिला अस्पताल में दस बेडों का अलग से डेंगू वार्ड बना दिया गया है। गांव-गांव आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से बुखार से ग्रसित मरीजों की खोजबीन कराई जा रही है। जिन गांवों में बुखार के केस मिल रहे हैं, वहां एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जनपद में डेंगू बुखार से निपटने के सभी इंतजाम हैं। हालांकि अभी तक एक भी डेंगू केस की पुष्टि नहीं हुई है।
इस वक्त वायरल फीवर की वजह से अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीजों की भीड़ लग रही है। डेंगू बुखार को लेकर भी मरीजों में डर का माहौल है। जिला अस्पताल में संभावित डेंगू मरीजों की कार्ड से जांच की जा रही है। डेंगू की पुष्टि के लिए सैंपल जांच को कानपुर भेजा जा रहा है। हालांकि अभी तक किसी के भी डेंगू से ग्रसित होने की पुष्टि नहीं हुई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अशोक कुमार रावत का कहना है कि जनपद में डेंगू के मामले नहीं हैं। वायरल फीवर के मरीज बढ़े हैं, जिनका सभी अस्पतालों में उपचार किया जा रहा है। पर्याप्त मात्रा में दवाएं और जांच के इंतजाम हैं। उन्होंने बताया कि गांवों में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर बुखार से ग्रसित मरीजों की खोजबीन कराई जा रही है। बड़ी तादाद में किसी भी गांव में बुखार की पुष्टि नहीं हुई हैं, जहां भी मरीज मिल रहे हैं, वहां एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया जा रहा है।
हर हालात से निपटने को तैयार
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ.विनय प्रकाश ने बताया कि अस्पताल में दस बेडों का अलग से डेंगू वार्ड बना दिया गया है। जिसमें संभावित डेंगू मरीजों को भर्ती करके उपचार किया जा रहा है। अभी तक स्थिति सामान्य है। वायरल फीवर ही जोर पर चल रहा है। लेकिन अस्पताल सभी तरह के हालातों से निपटने में सक्षम है।
बुखार आए तो लापरवाही न बरतें
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ.आरएस प्रजापति का कहना है कि इस मौसम में आने वाले बुखार में लापरवाही बरतना जानलेवा साबित हो सकता है। जैसे ही बुखार आता है तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। कई केसों में डेंगू बुखार शुरुआत में सामान्य बुखार जैसा ही लगता है, जिसके कारण सामान्य बुखार और डेंगू के लक्षणों में फर्क समझ नहीं आता है। इस बुखार के इलाज में थोड़ी सी लापरवाही भी खतरनाक साबित हो सकती है। डॉ.प्रजापति ने बताया कि डेंगू कई प्रकार होता है लेकिन डेंगू हेमरेजिक बुखार थोड़ा खतरनाक साबित हो सकता है। इसमें प्लेटलेट और वाइट ब्लड सेल्स की संख्या कम होने लगती है।
डेंगू बुखार के लक्षण
0 ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना।
0 सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।
0 आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना।
0 बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना।
0 जी मिचलाना और मुंह का स्वाद खराब होना।
0 गले में हल्का-सा दर्द होना।
0 शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना।
डेंगू बुखार के प्रकार
0 सामान्य डेंगू बुखार इसमें बुखार के साथ तेज बदन दर्द, सिर दर्द खास तौर पर आंखों के पीछे और शरीर पर दाने हो जाते है। यह जल्द ठीक हो जाता है।
0 क्लासिकल डेंगू बुखार एक नॉर्मल वायरल फीवर है। इसमें तेज बुखार, बदन दर्द, तेज सिर दर्द, शरीर पर दाने जैसे लक्षण दिखते हैं। यह डेंगू 5-7 दिन के सामान्य इलाज से ठीक हो जाता है।
0 डेंगू हेमरेजिक बुखार थोड़ा खतरनाक साबित हो सकता है। इसमें प्लेटलेट और वाइट ब्लड सेल्स की संख्या कम होने लगती है। नाक और मसूढ़ों से खून आना, शौच या उल्टी में खून आना या स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के चकत्ते जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
0 डेंगू शॉक सिंड्रोम में मरीज धीरे-धीरे होश खोने लगता है, उसका बीपी और नब्ज एकदम कम हो जाती है और तेज बुखार के बावजूद स्किन ठंडी लगती है।
मच्छरों को पैदा होने से रोकने के लिए क्या करें
डेंगू के बचाव के लिए मच्छरों को पैदा होने से रोकें और खुद को काटने से भी बचाएं। कहीं भी खुले में पानी जमा न होने दें। साफ पानी भी गंदे पानी जितना ही खतरनाक है। पानी पूरी तरह ढककर रखें। कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहां पानी रुका रहता है, वहां दिन में एक बार मिट्टी का तेल डाल दें। कूलर का इस्तेमाल बंद कर दें। अगर नहीं कर सकते तो उसका पानी रोज बदलें और उसमें ब्लीचिंग पाउडर या बोरिक एसिड जरूर डालें। छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें या उलटा करके रखें। पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें। घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवाई का छिड़काव जरूर करें।
डेंगू बुखार से बचाव
आउटडोर में पूरी बांह की शर्ट, बूट, मोजे और फुल पैंट पहनें। खासकर बच्चों के लिए इस बात का जरूर ध्यान रखें। मच्छर गाढ़े रंग की तरफ आकर्षित होते हैं इसलिए हल्के रंग के कपड़े पहनें। तेज महक वाली परफ्यूम लगाने से बचें क्योंकि मच्छर किसी भी तरह की तेज महक की तरफ आकर्षित होते हैं। कमरे में मच्छर भगाने वाले स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का प्रयोग करें। मस्किटो रेपलेंट को जलाते समय सावधानी बरतें। इन्हें जलाकर कमरे को 1-2 घंटे के लिए बंद कर दें।